मुफ्ती अहमद खानपुरी दा.ब.

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहिम.

“हदीस के इस्लाही मजामीन”., “महमुदुल मवाइज” से लिये गये छोटे-छोटे मजमून के खुलासे की “PDF फाइल”.

नोट- ये “PDF फाइल” कोई भाषा या व्याकरण नही हे, बल्कि दीन-ए-इस्लाम को समझने के लिये हे.


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# File Downloads
1 pdf 0401 कायनात के छुपे हुवे राज़ 109
2 pdf 0402 करामत किसे केहते हे 146
3 pdf 0403 हजरत मरयम (अल) का वाकया 101
4 pdf 0404 अस्हाबे कहफ का वाकया 97
5 pdf 0405 एक अल्लाह वाले की कबर में कुरान ऐ पाक की तिलावत 94
6 pdf 0406 आखरी उम्र मे नेकियों की कसरत 105
7 pdf 0407 दुआ ऐसे मांगे 94
8 pdf 0408 सोने से पेहले की एक दुआ 109
9 pdf 0409 पूरे आलम में फसाद की वजह गुनाह हे 113
10 pdf 0410 वो पंदरा बडे गुनाह की नहुसत और उस्का वबाल 80
11 pdf 0411 पांच चिझो को पांच चिझो से पहले गनीमत समझो 83
12 pdf 0412 खुरशी पर नमाज़ पढने का हुकम 103
13 pdf 0413 तहीय्यतुल वुज़ू और तहीय्यतुल मस्जिद की फज़ीलत 84
14 pdf 0414 चाश्त और अव्वाबीन की नमाज़ का वकत 93
15 pdf 0415 जुमा के दिन की फजीलत और एहतेमाम 93
16 pdf 0416 शादी के बाद की पेहली रात 95
17 pdf 0417 अजनबी औरत के साथ तन्हाई हराम हे 87
18 pdf 0418 दर्द भरा पैगाम 102
19 pdf 0419 मौजूदा हालत पर एक अहम पैगाम 32
20 pdf 0420 दुनिया को इस्लाम के अमली नमूने की जरूरत हे 80
21 pdf 0421 फितनो के दौर मे ईबादत की फझीलत 89
22 pdf 0422 फितनो के ज़माने में तन्हाई को पसन्द करे 83
23 pdf 0423 आखिरत के कामो मे जल्दी करना 86
24 pdf 0424 अमाल की पाबन्दी एतेदाल के साथ 98
25 pdf 0425 रमज़ान के महीनो को कैसे वसूल करे 34
26 pdf 0426 शबे कदर की फज़ीलत 46
27 pdf 0427 माले गनीमत को अपनी मिल्कीयत न समझे 85
28 pdf 0428 अमानत को माले गनीमत की तरह न समझो 72
29 pdf 0429 ज़कात टैक्स नही इबादत है 78
30 pdf 0430 इल्म दुन्या तलब करने के लिये सिखा जायेगा 108
31 pdf 0431 माँ बाप की नाफरमानी आम हो जायेगी 96
32 pdf 0432 बीवी का गुलाम और माँ का नाफरमान 105
33 pdf 0433 दोस्तो पर सखावत और बाप के साथ अदावत 82
34 pdf 0434 मस्जीदो मे दुन्यावी बाते होने लगेगी 84
35 pdf 0435 ज़ालिम, जाबिर, और बदख्लक को इज्ज़त और इकराम देना 84
36 pdf 0436 कमीनो को सरदार बनाना 89
37 pdf 0437 खुले आम शराब पी-जायेगी 86
38 pdf 0438 हलाल और हराम की तमीज़ न रहेंगी 93
39 pdf 0439 गाने और गाने बजाने के साधन का इस्तेमाल किया जायेगा 93
40 pdf 0440 टी.वी. इस ज़माने का सब से बडा फितना 83
41 pdf 0441 मोबाईल इस ज़माने का सब से बडा फितना 74
42 pdf 0442 अपने अस्लाफ को बुरा भला कहेन्गे 81
43 pdf 0443 इख्लासे नियत 102
44 pdf 0444 दीनदार लडके की करामत [अस्हाबुल उख्दूद का किस्सा] 99
45 pdf 0445 मुझे सईद बिन ज़ैद (रदी) की बददुआ लग गई 105